शक्तिकांत दास : चुनौतीपूर्ण समय में स्थिर नेतृत्व देकर बने गवर्नर ऑफ द ईयर

नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) अपनी जेब में पड़े कई रंग और आकार के आयताकार कागज के टुकड़ों को ध्यान से देखिए। इनपर एक तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर के पास ही हाथ से लिखी तहरीर और उसके नीचे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर कागज के उस टुकड़े को देश की आधिकारिक मुद्रा बना देते हैं, जिसकी गारंटी खुद सरकार लेती है। समय-समय पर नोटों का रंग और आकार भले बदलता रहा रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद की प्रतिष्ठा और गरिमा अक्षुण्ण बनी रही। इन दिनों यह जिम्मेदारी देश के अनुभवी अर्थशास्त्री शक्तिकांत दास संभाल रहे हैं, जिन्हें हाल ही में ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’’ सम्मान प्रदान किया गया है।.रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के तौर पर शक्तिकांत सिर्फ मुद्रा के धारक को अंकित मूल्य के बराबर राशि ही देने का वचन नहीं देते, उन्होंने इन मुश्किल हालात में देश को दिलासा दिया है कि महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा कड़ी मौद्रिक नीति से वैश्विक अर्थव्यवस्था में भले उथल-पुथल मची हो, भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है और उम्मीद है कि यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगी। भाषा एकता .