श्रम बाजार को प्रभावित करेगा जनरेटिव एआई :डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट
नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) जनरेटिव कृत्रिम मेधा (एआई) रचनात्मकता को बढ़ाने और भविष्य की नौकरियों के लिए रोजमर्रा के कामकाज को स्वचालित करते हुए श्रम बाजारों पर खासा असर डालने वाली है। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है।. डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट कहती है कि रोजमर्रा के काम और बार-बार दोहराए जाने वाले भाषायी कामकाज से जुड़ी नौकरियों पर इस व्यवधान का सबसे अधिक जोखिम है। वहीं उच्चस्तर के निजी संपर्क या शारीरिक हलचल से जुड़ी नौकरियों पर इन बदलावों का असर सबसे कम होगा।. श्वेत पत्र कहता है कि ‘विशाल भाषायी मॉडल’ (एलएलएम) उन नौकरियों के लिए वरदान हो सकते हैं जिनमें इंजीनियरिंग, गणित एवं वैज्ञानिक विश्लेषण सहित महत्वपूर्ण सोच-विचार, जटिल समस्याओं के समाधान से जुड़े कौशल और रचनात्मकता की जरूरत होती है।. एलएलएम सीखने से जुड़ी गहन गणना-पद्धति है जो भाषा के प्रसंस्करण से जुड़े विभिन्न स्वाभाविक कार्यों को संपादित कर सकती है। एलएलएम में रूपांतरण मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें बड़े पैमाने पर आंकड़ों के समूह के इस्तेमाल से प्रशिक्षित किया जाता है।. वहीं स्वचालन (ऑटोमेशन) से सबसे अधिक जोखिम नियमित एवं दोहराव वाले भाषायी कामकाज को है। इनमें कर्जों की स्वीकृति एवं जांच-परख से जुड़े क्रेडिट ऑथराइजर, चेकर और क्लर्क जैसी भूमिकाएं शामिल हैं।. भाषा प्रेम.